मूल्य
संसार में चीजों का मूल्य होता है
किसी का कम किसी का ज्यादा होता है
कुछ चीजें अमूल्य होतीं हैं
जिनके सामने हर मूल्य वौना होता है
कुछ चीजें अनमोल होते हुए भी
सभी को समान और आसान उपलब्ध होता है
आदमी से अक्सर उन चीजों का अनादर होता है
जल जंगल जमीन हवा पानी
माता पिता दादा दादी नानी
स्वस्थ सभ्य समाज खाने को अनाज
आदमी स्वार्थ में सभी को नष्ट कर रहा है
प्रदूषण अंधाधुंध प़कृति दोहन से पर्यावरण नष्ट हो रहा है
ऐसी अमूल्य चीजें जीवन को अति आवश्यक हैं
मानव जानते हुए भी खो रहा है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी