Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2018 · 1 min read

मूर्ति

सोचता हूँ
गढ़ दूँ
मैं भी अपनी
मिट्टी की मूर्ति,
ताकि होती रहे
मेरे अहंकारी-सुख की क्षतिपूर्ति।

मिट्टी-पानी का अनुपात
अभी तय नहीं हो पाया है,
कभी मिट्टी कम
तो कभी पर्याप्त पानी न मिल पाया है।

जिस दिन मिट्टी-पानी का
अनुपात तय हो जायेगा,
एक सुगढ़ निष्प्राण
शरीर उभर आयेगा।

कोई क़द्र-दां ख़रीदार भी होगा
रखेगा सहेजकर,
जहाँ पहुँचता न हो दम्भी हथौड़ा
मूर्तिभंजक नफ़रत का घूँट पीकर ..!

#रवीन्द्र सिंह यादव

Language: Hindi
321 Views

You may also like these posts

*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
*पीला भी लो मिल गया, तरबूजों का रंग (कुंडलिया)*
*पीला भी लो मिल गया, तरबूजों का रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बिल्ली का डर
बिल्ली का डर
अरशद रसूल बदायूंनी
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
सभी फैसले अपने नहीं होते,
सभी फैसले अपने नहीं होते,
शेखर सिंह
किस किस्से का जिक्र
किस किस्से का जिक्र
Bodhisatva kastooriya
सजल
सजल
Rashmi Sanjay
वक्त
वक्त
Mansi Kadam
सुहाता बहुत
सुहाता बहुत
surenderpal vaidya
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
आसान नहीं होता
आसान नहीं होता
Surinder blackpen
"अदा"
Dr. Kishan tandon kranti
#आ अब लौट चलें
#आ अब लौट चलें
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
तेरा मेरा.....एक मोह
तेरा मेरा.....एक मोह
Neeraj Agarwal
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
.
.
*प्रणय*
चौपई /जयकारी छंद
चौपई /जयकारी छंद
Subhash Singhai
*कुछ कहा न जाए*
*कुछ कहा न जाए*
Shashi kala vyas
वेदना वेदना की
वेदना वेदना की
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
इनका एहसास खूब होता है,
इनका एहसास खूब होता है,
Dr fauzia Naseem shad
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
ये गड़ी रे
ये गड़ी रे
Dushyant Kumar Patel
आप सुनो तो तान छेड़ दूँ मन के गीत सुनाने को।
आप सुनो तो तान छेड़ दूँ मन के गीत सुनाने को।
श्रीकृष्ण शुक्ल
3618.💐 *पूर्णिका* 💐
3618.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रतिदिन ध्यान लगाये
प्रतिदिन ध्यान लगाये
शिव प्रताप लोधी
लबों पे टूटे हुए छंद...
लबों पे टूटे हुए छंद...
TAMANNA BILASPURI
दीप बनकर तुम सदा जलते रहो फिर नहीं होगा तिमिर का भान भी
दीप बनकर तुम सदा जलते रहो फिर नहीं होगा तिमिर का भान भी
Dr Archana Gupta
Loading...