मूर्तिभंजक कवि
मनोरंजन चाहिए तो
तुम कहीं और जाओ!
आंदोलन चाहिए तो
तुम यहीं रूको!
यथास्थिति चाहिए तो
तुम कहीं और जाओ!
परिवर्तन चाहिए तो
तुम यहीं रूको!
विवाद चाहिए तो
तुम कहीं और जाओ!
संवाद चाहिए तो
तुम यहीं रूको!
मूर्तिपूजन चाहिए तो
तुम कहीं और जाओ!
मूर्तिभंजन चाहिए तो
तुम यहीं रूको!
#हल्ला_बोल #बुतशिकन