Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2021 · 1 min read

मूरदन के देश

ज़िंदा रहतीं
जो हमनी के
आपन देश ना
मरीत कबो!!
सदियन से
एके दर पर
ई समाज ना
सड़ीत कबो!!
शिक्षा औरी
स्वास्थ्य नीअन
ज़रूरी सवाल
सब छोड़के!
जात-धरम के
चक्कर में
आपस में ना
लड़ीत कबो!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#BeRebel

Language: Bhojpuri
2 Comments · 272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दौलत से सिर्फ
दौलत से सिर्फ"सुविधाएं"मिलती है
नेताम आर सी
गर लिखने का सलीका चाहिए।
गर लिखने का सलीका चाहिए।
Dr. ADITYA BHARTI
कितनी सलाखें,
कितनी सलाखें,
Surinder blackpen
#लघुकथा / #सबक़
#लघुकथा / #सबक़
*Author प्रणय प्रभात*
KRISHANPRIYA
KRISHANPRIYA
Gunjan Sharma
नित्य करते जो व्यायाम ,
नित्य करते जो व्यायाम ,
Kumud Srivastava
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
VEDANTA PATEL
मजे की बात है
मजे की बात है
Rohit yadav
करूँ प्रकट आभार।
करूँ प्रकट आभार।
Anil Mishra Prahari
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
एक हाथ में क़लम तो दूसरे में क़िताब रखते हैं!
The_dk_poetry
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ
कवि रमेशराज
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
Life is proceeding at a fast rate with catalysts making it e
Life is proceeding at a fast rate with catalysts making it e
Sukoon
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
क्रिसमस दिन भावे 🥀🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
Vishal babu (vishu)
दिहाड़ी मजदूर
दिहाड़ी मजदूर
Satish Srijan
हमको नहीं गम कुछ भी
हमको नहीं गम कुछ भी
gurudeenverma198
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
ज़िंदा होने का सबूत दो
ज़िंदा होने का सबूत दो
Shekhar Chandra Mitra
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
*जाना सबके भाग्य में, कहॉं अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*जाना सबके भाग्य में, कहॉं अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Yuhi kisi ko bhul jana aasan nhi hota,
Yuhi kisi ko bhul jana aasan nhi hota,
Sakshi Tripathi
2574.पूर्णिका
2574.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
नज़रें बयां करती हैं,लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
Keshav kishor Kumar
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
मुसलसल ईमान रख
मुसलसल ईमान रख
Bodhisatva kastooriya
गीत रीते वादों का .....
गीत रीते वादों का .....
sushil sarna
।। लक्ष्य ।।
।। लक्ष्य ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
Loading...