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24 May 2024 · 1 min read

मूक सड़के

यह मूक सड़कें
कितना बोझ ढोंयेगी
पड़ गए इसकी काया में
अनगिनत छाले
फिर भी
कभी वाहनों का बोझ
सभी जनमानस का शोर
सड़क के कंधे थक गए हैं
ढोते-ढोते सब का बोझ
रात को भी ना सो पाती हैं
सुनते सुनते सबका शोर
कब मिलेगा इसको आराम
जब होगी आबादी कम
वाहनों का भी होगा आवागमन कम
घावों को इसके भरने दो
कुछ आराम तो करने दो
मधु शाह

1 Like · 30 Views
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