मूक प्रेम
वो मेरी हथेली पर..
अपनी उंगलियों से..
अपना नाम लिखता रहा!
छलकती रहीं
छिपी ऑंखें..
और
मूक प्रेम..
दृढ़ता के साथ..
सॅंवरता रहा!
स्वरचित
रश्मि लहर
वो मेरी हथेली पर..
अपनी उंगलियों से..
अपना नाम लिखता रहा!
छलकती रहीं
छिपी ऑंखें..
और
मूक प्रेम..
दृढ़ता के साथ..
सॅंवरता रहा!
स्वरचित
रश्मि लहर