मुहूरत
वो जब हर लम्हे की जरूरत बन जाता है।
तो जरूरत से भी ज्यादा खूबसूरत बन जाता है।
वो साथ हो तो मैं शुभ अशुभ क्या सोंचूं,
मेरा हर एक लम्हा ही मुहूरत बन जाता है।।
संजय नारायण
वो जब हर लम्हे की जरूरत बन जाता है।
तो जरूरत से भी ज्यादा खूबसूरत बन जाता है।
वो साथ हो तो मैं शुभ अशुभ क्या सोंचूं,
मेरा हर एक लम्हा ही मुहूरत बन जाता है।।
संजय नारायण