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30 Aug 2016 · 1 min read

मुहब्बत

प्यार पर तो जड़ा न ताला है
ये मुहब्बत वहीं तो प्याला है

आज लगते मुझे सभी अच्छे
अब न कोई भी दिल से काला है

बात जो आपने कही हमसे
आज उसको ही क्यों उछाला है

रोज सबको मिले न रोटी है
आज रोटी का फिर से लाला है

खुद न खा बाँट दे सभी रोटी
पास उसके यहीं निवाला है

प्यार करता हूँ आपको दिल से
चार बहनों में एक साला है

बागवाँ हो गया है दिल मेरा
आपका जो अंदाज निराला है

आज घर में सभी निकम्मे है
बस बचा तो यहीं उजाला है

चोट हमको मिली जमाने से
आपने ही हमें संभाला है

आयतों सा सजा इश्क तेरा
अब बसा एक जो शिवाला है

आज बैचेन हो गया दिल जो
जब समझ गैर जो निकाला है

71 Likes · 522 Views
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