मुहब्बत मे कैद
खुद को हम आजमाना चाहते है
मुहब्बत मे कैद पाना चाहते है
नजर से नजर के इशारे समझे हम
प्यार की नाव चलाना चाहते है
जरूरतो ने किया दूर दूर हमको
उन्हे अब पास बुलाना चाहते है
गया जो बीत उसका तो क्या करे
वक्त से हिसाब कराना चाहते है
इक मुद्दत से रहा इंतजार उसका
दूरियाँ सारी मिटाना चाहते है
वो बैठे आज पास मेरे कुछ पल
दिल की धडकने सुनाना चाहते है
हो गई थी पतझड़ जैसी जिदंगी
उनके साथ मुस्कुराना चाहते है
बयां कर दूं सबको दिल की बात
जिदंगी साथ बिताना चाहते है