मुहब्बत पर पहरे
जब मुहब्बत पे पहरे लगे हैं
तोड़ दीवार मिलने लगे है
देखता मजहबों को न कोई
एक दूजे को प्यारे लगे है
चाँदनी रात जगमगाये
पर हमें ये जलाने लगे है
सर्द रातें हमें जब डराए
प्रीत रंग में रंगाने लगे है
जब मुहब्बत पे पहरे लगे हैं
तोड़ दीवार मिलने लगे है
देखता मजहबों को न कोई
एक दूजे को प्यारे लगे है
चाँदनी रात जगमगाये
पर हमें ये जलाने लगे है
सर्द रातें हमें जब डराए
प्रीत रंग में रंगाने लगे है