मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
गुलों की क़िस्मतें खिलकर मुझे अब राम करती हैं
आर.एस. ‘प्रीतम’
मुहब्बत की लिखावट में लिखा हर गुल का अफ़साना
गुलों की क़िस्मतें खिलकर मुझे अब राम करती हैं
आर.एस. ‘प्रीतम’