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23 Feb 2022 · 1 min read

मुहब्बत की ज़रूरत

न इज़्ज़त की ज़रूरत है
न शोहरत की ज़रूरत है
दुनिया को जितनी ज़्यादा
मुहब्बत की ज़रूरत है…
(१)
झूठी सरहद को लेकर
आख़िर ज़ंग क्यों रहे
इंसानों के लिए धरती
इतनी तंग क्यों रहे
न हुक़ूमत की ज़रूरत है
न सियासत की ज़रूरत है
दुनिया को जितनी ज़्यादा
मुहब्बत की ज़रूरत है…
(२)
पल भर की ज़िंदगी और
सदियों का इंतज़ाम
पता नहीं इतनी-सी बात
कब समझेंगे नादान
न ताक़त की ज़रूरत है
न दौलत की ज़रूरत है
दुनिया को जितनी ज़्यादा
मुहब्बत की ज़रूरत है…
(३)
ये रंग और नस्ल का
हर एक रोग मिटे
ये क़ौम और सोच की
अब तो बोझ हटे
न ज़ात की ज़रूरत है
न मज़हब की ज़रूरत है
दुनिया को जितनी ज़्यादा
मुहब्बत की ज़रूरत है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#अवामीशायर #इंकलाबीशायर
#FarmersProtest #चुनावीकविता
#युद्धविरोधीकविता #AntiwarPoetry

Language: Hindi
Tag: गीत
153 Views
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