मुस्कुरा दो ज़रा
रास्ते हैं लम्बे , मंजिल है दूर
ना भी पता हो मंजिल का , तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।
गुलाब में हैं कांटे , या कांटो संग गुलाब
जिंदगी फूलों का यह गुलदस्ता , कुछ कांटो भरा , तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।
चिलचिलाती यह धूप , तपिश भरा सफर
सर पर छ्त नहीं , पर सूरज है तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।
आंधियों ने घेरा , धूल मिट्टी का थपेड़ा
उपर से हो बरसात तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।
टीचर ने डांटा , दोस्तों ने गम न बाँटा
डिब्बे में निकला आलू परांठा , तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।
बॉस की फटकार , काम की बौछार
कॉफी मशीन भी खराब , तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।
माँ का प्यार , ममता की दुलार
हो जाए कभी गुस्सा तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।
जीवन में हर दिन , दिन के हर पल
पल के हर क्षण भी कर दो तो क्या
मुस्कुरा दो ज़रा ।