कवि /मुस्कुराहट लिख दे, निद्रित प्राण पर
कवि वही जो चलता सत् किरपान पर |
प्रेम वन छा जाए द्वंदी बाण पर |
जागरण दे राष्ट्र को ‘नायक बृजेश ‘|
मुस्कुराहट लिख दे, निद्रित प्राण पर |
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता|