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11 Oct 2023 · 1 min read

मुस्कुराहटे जैसे छीन सी गई है

मुस्कुराहटे जैसे छीन सी गई है
आदतें जैसे बदल सी गई है
उधार बिकने लगा है सब कुछ
खामोशियां जैसे बिखर सी गई है ।

हरमिंदर कौर, अमरोहा

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