मुस्कुराना सीख लो
मुस्कुराना सीख लो,
आदत पुराना छोड़ दो
मुस्कुराता हुआ चेहरा खिला हुआ नजर
बड़ी प्यारी चीज है, जो हर किसी के नसीब।
मुस्कुराना सीख लो ,आदत पुराना छोड़ दे।
थोड़ी बड़ी जिंदगी जीना सीख लो।
मुस्कुराना सीख लो, नजर चुराना छोड़ दो।
आदत पुराना छोड़ दो। – डॉ.सीमाकुमारी ‘बिहार ‘भागलपुर15-6-022 की मौलिक स्वरचित रचना जिसे आज प्रकाशित किया है।