मुस्कुराना सीख लो
ज़िन्दगी की साज पर तुम
सुर सजाना सीख लो
मन की वीणा करके झंकृत
गुनगुनाना सीख लो
खुद-ब-खुद मंजिल तुम्हारे
पास चलकर आएगी
अजनबी राहों को बस
अपना बनाना सीख लो
जीत लोगे ये जमाना एक दिन
तुम देखना
औरों के दुःख-दर्द में बस
डूब जाना सीख लो
डर न होगा मन में कोई
और न होगी फिकर
मौत की नजरों से बस
नजरें मिलाना सीख लो
जोड़ दो रिश्तों की गांठें
काम देंगे उम्र भर
जोड़ने के वास्ते खुद
टूट जाना सीख लो
मौत भी डर जायेगी
तेरी दिलेरी देखकर
आँख में आंसू छुपाकर
मुस्कुराना सीख लो