मुस्कुराती ज़िंदगी
बहुत प्यारी है ये ज़िंदगी, तू थोड़ा संभाल कर तो रख,
मतलबी बहुत है ये दुनिया, अपनी खवाहिश बस खुद तक ही रख
कोई नहीं है तेरा और कसी का तू नहीं,
अपनी औकात से बढ़कर तू कदम ना उठा,
बस यही है ज़िंदगी की सीमा रेखा
बहुत प्यारी है ये ज़िंदगी, तू थोड़ा संभाल कर तो रख,
मतलबी बहुत है ये दुनिया, अपनी खवाहिश बस खुद तक ही रख,
आज दिन है उसका तो क्या हुआ,
एक दिन ऐसा उजाला तेरे पास भी आएगा,
देखेंगे वो समां जो तेरी मेहनत से दिखेगा
बहुत प्यारी है ये ज़िंदगी, तू थोड़ा संभाल कर तो रख,
मतलबी बहुत है ये दुनिया, अपनी खवाहिश बस खुद तक ही रख,
गुरु तू तो आज भी वहीँ है, जहां से शुरू किया था,
थोड़ा अपने आप से बहार निकलकर तो देख,
तेरे किरदार से लोग कितने है खफा
बहुत प्यारी है ये ज़िंदगी, तू थोड़ा संभाल कर तो रख,
मतलबी बहुत है ये दुनिया, अपनी खवाहिश बस खुद तक ही रख,
गुरु विरक