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13 Sep 2023 · 1 min read

मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है

मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
अब ख्वाबों का ख्यालों से घमासान नहीं हो सकता
खबर सही है कि हम अब साथ नहीं
पर मेरी तरफ से कभी ये ऐलान नहीं हो सकता
हकीकत के जमीं पे डगमगा गए पांव उसके
झूठ का कोई आसमान नहीं हो सकता
हवाएं अक्सर कानाफूसी करती हैं
तन्हाई में भी अकेला इंसान नहीं हो सकता
यूं ही नहीं किसी की आंखे भर आती हैं
यादों से गहरा कोई जख्मों सामान नहीं हो सकता

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