मुस्कुराइये…..
मुस्कुराइये…
अच्छा लगा
आप मुस्कुराये तों सही
वरना…
आज कल तों लोग
इस भागदौड़ की जिंदगी में
मुस्कुराना ही भूल गये हैं
मुस्कुराना किसी औषधीय गुण से कम नहीं
फिर भी
हम भागें जा रहें हैं
परेशानियों से घिरे जा रहें हैं
आखिर क्यों ?
जनाब…
कहीं ऐसा न हो कि हम
मुस्कुराना ही भूल जाये
और….
हमेशा के लिए ‘मौन’ हो जाये
फिर क्या होगा
जीवन का पर्याय
सोचिए…
इसलिए
जनाब…
मुस्कुराते रहिए और
अपना काम करते रहिए
फिर देखिए
काम ‘टेंशन ‘नहीं
काम ‘फैशन’ हो जायेगा…
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Chandra Prakash Patel
Okhar (Masturi)
Bilaspur (C.G.)
7879118781