Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2022 · 1 min read

मुस्कुराइये…..

मुस्कुराइये…
अच्छा लगा
आप मुस्कुराये तों सही
वरना…
आज कल तों लोग
इस भागदौड़ की जिंदगी में
मुस्कुराना ही भूल गये हैं

मुस्कुराना किसी औषधीय गुण से कम नहीं
फिर भी
हम भागें जा रहें हैं
परेशानियों से घिरे जा रहें हैं
आखिर क्यों ?

जनाब…
कहीं ऐसा न हो कि हम
मुस्कुराना ही भूल जाये
और….
हमेशा के लिए ‘मौन’ हो जाये
फिर क्या होगा
जीवन का पर्याय
सोचिए…

इसलिए
जनाब…
मुस्कुराते रहिए और
अपना काम करते रहिए
फिर देखिए
काम ‘टेंशन ‘नहीं
काम ‘फैशन’ हो जायेगा…

****************************************
Chandra Prakash Patel
Okhar (Masturi)
Bilaspur (C.G.)
7879118781

Language: Hindi
2 Likes · 367 Views

You may also like these posts

गुलमोहर
गुलमोहर
डॉ.स्नेहलता
दीपक
दीपक
Durgesh Bhatt
क्यों बदल जाते हैं लोग
क्यों बदल जाते हैं लोग
VINOD CHAUHAN
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
पत्रकारिता सामाजिक दर्पण
पत्रकारिता सामाजिक दर्पण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
Shweta Soni
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
Neelam Sharma
“दीपावली की शुभकामना”
“दीपावली की शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
SURYA PRAKASH SHARMA
एक शपथ
एक शपथ
Abhishek Soni
इंसान भी तेरा है
इंसान भी तेरा है
Dr fauzia Naseem shad
मन मेरा मेरे पास नहीं
मन मेरा मेरे पास नहीं
Pratibha Pandey
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
मनुष्य अंत काल में जिस जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्य
Shashi kala vyas
** राह में **
** राह में **
surenderpal vaidya
क्या गिला क्या शिकायत होगी,
क्या गिला क्या शिकायत होगी,
श्याम सांवरा
मेरे दो अनमोल रत्न
मेरे दो अनमोल रत्न
Ranjeet kumar patre
योग
योग
Rambali Mishra
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
हमारे तो पूजनीय भीमराव है
gurudeenverma198
वक्त की मार
वक्त की मार
Sakshi Singh
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
Ravi Prakash
मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है...
मुहब्बत इम्तिहाँ लेती है...
Sunil Suman
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
पापा तुम्हारे ना होने पर.…..
पापा तुम्हारे ना होने पर.…..
पं अंजू पांडेय अश्रु
*बादलों की दुनिया*
*बादलों की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
माँ शारदे कृपा कर दो
माँ शारदे कृपा कर दो
Sudhir srivastava
🙅चलो रायबरेली🙅
🙅चलो रायबरेली🙅
*प्रणय*
3017.*पूर्णिका*
3017.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
क्या ख़ूब तरसे हैं हम उस शख्स के लिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" कमाल "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...