मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
बैरी से भी ज्ञान ग्रहण कर लेता हूॅं।
अमल भाव में चार चरण कर लेता हूॅं।
दुख में भी है बोध,सजग ‘नायक’ बनकर।
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
पं बृजेश कुमार नायक
बैरी से भी ज्ञान ग्रहण कर लेता हूॅं।
अमल भाव में चार चरण कर लेता हूॅं।
दुख में भी है बोध,सजग ‘नायक’ बनकर।
मुस्की दे प्रेमानुकरण कर लेता हूॅं।
पं बृजेश कुमार नायक