मुस्कान
मुक्तक
भेद भुला कर हम मुस्का दें।
गले लगा कर पीर मिटा दें।
निश्छल हृदय मिलन से जग में।
दिवि को ही धरती पर ला दें।
अंकित शर्मा’इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)
मुक्तक
भेद भुला कर हम मुस्का दें।
गले लगा कर पीर मिटा दें।
निश्छल हृदय मिलन से जग में।
दिवि को ही धरती पर ला दें।
अंकित शर्मा’इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)