मुस्कान
होठों पे मुस्कान सजायें बैठे हो
तुम भी कैसे राज़ छुपाये बैठै हो
कितने करीब आकर तुम छुप जाते
मेरी परवाह न कर, महकाये बैठे हो
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा
होठों पे मुस्कान सजायें बैठे हो
तुम भी कैसे राज़ छुपाये बैठै हो
कितने करीब आकर तुम छुप जाते
मेरी परवाह न कर, महकाये बैठे हो
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा