*”मुस्कान”*
“मुस्कान”
यूँ ही नही आती किसी के चेहरों पे मुस्कान ,
संघर्ष करते हुए दर्द छुपा कर खुद से ही इश्क करना पड़ता है।
सुख दुःख की विकट परिस्थितियों में एक आसरा नजर आता है।
होनी अनहोनी के चक्कर में किसी को खोकर पाना मुश्किल होता है।
*************************
संकट की इस घड़ी में गमगीन लम्हों में भी ,
दर्द से उभरते हुए सरलता समझदारी निभाना पड़ता है।
उतार चढ़ाव इस दर्दनाक हादसे को देख ,
सही तरीके से रास्तों पे चलकर सम्हलते हुए कदम उठाना पड़ता है।
*************************
मन अधीर विचलित हो जब कुछ भी समझ न आये ,
अंतर्मन में दीप जला उम्मीद का दामन थाम मुस्कराना पड़ता है।
धन दौलत जमा पूंजी यही धरा रह जाय ,
भूली बिसरी यादों का वो खूबसूरत लम्हा चेहरे की मुस्कान झलकता है।
************************
कोई सहारा दे या न दे बेसहारा होकर भी ,
ईश्वर शरण में आकर वो सब कुह मिल जाता है।
अपने से ज्यादा अपनों को खुश करने के लिए मुस्कान बिखेरना पड़ता है।
*************************
यूँ ही हँसते हंसाते रहिये खुश रहकर चेहरों पर मुस्कान ले आईए ……
हास्य दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
शशिकला व्यास✍️