*मुस्कान लौट आई (लघु कथा)*
मुस्कान लौट आई (लघु कथा)
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प्रियांशु अपनी दादी का शुगर लगातार चेक करता रहता था। आज भी मशीन लेकर घर पर बैठा था। तभी रमेश बाबू जो कि प्रियांशु के रिश्ते के दादा लगते हैं, वहॉं आ गए । प्रियांशु ने अपनी दादी की शुगर चेक की। उसके बाद अचानक रमेश बाबू से कहा “दादाजी ! आपका भी शुगर चेक कर देता हूॅं ।”
सुनकर रमेश बाबू अनमने-से हो गए । उनकी समझ में नहीं आया कि मना कैसे करूॅं। तभी प्रियांशु की दादी ने प्रोत्साहन देते हुए कहा “भाई साहब ! इस उम्र में शुगर चेक जरूर करा लेनी चाहिए।”
मरता क्या न करता ! रमेश बाबू ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया । प्रियांशु ने नई सुई निकाली । हल्के से एक बूॅंद खून रमेश बाबू का मशीन पर लिया । तत्काल मशीन ने पॉंच का अंक दिखा कर उल्टी गिनती शुरू कर दी । मुश्किल से कुछ सेकंड लगे होंगे। लेकिन रमेश बाबू की ऑंखों में मीठी चाय, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, सौंठ वाला दहीबड़ा, आलू की टिकिया, हलवा, आइसक्रीम आदि सब कुछ घूम गया । एक का अंक आने के बाद प्रियांशु ने पढ़कर कहा “आपकी शुगर नॉर्मल है दादा जी !”,
सुनकर रमेश बाबू के चेहरे पर मुस्कान लौट आई ।
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लेखक :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
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