मुस्कान की स्याही
हवा के हर खामोश ज़र्रे में आहट होती है,
कुछ खामोश बेपरवाह चाहत में भी बात होती है,
जिंदगी के कोरे पननें मुस्कान सी स्याही की पहल करते हैं,,
क्योंकि हर अँधेरे को रौशनी की दरकार होती हैं
हवा के हर खामोश ज़र्रे में आहट होती है,
कुछ खामोश बेपरवाह चाहत में भी बात होती है,
जिंदगी के कोरे पननें मुस्कान सी स्याही की पहल करते हैं,,
क्योंकि हर अँधेरे को रौशनी की दरकार होती हैं