Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Sep 2021 · 1 min read

मुसाफिरखाना है ये दुनिया

मुसाफिर खाना है दुनिया जानता हर बशर ,
क्या ही अच्छा होता हक़ीक़त को मानता गर।

ना ही वो इतनी माल -ओ -दौलत जमा करता ,
और न ही इनके खो जाने का लगता कोई डर।

यह रूप और जवानी जिस्म के साथ खाक होगी,
अफसोस नहीं करता गर आईने से मिलती नजर।

इंतेकाल पर किसी के क्यों रोता यूं ज़ार ज़ार वो ,
खुदा की दी अमानत को न समझता अपना घर ।

हैरान हैं हम की दूसरों को कब्र तक लाने वाला ,
खुद अपने अंजाम से अक्सर रहता है बेखबर ।

253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
Keshav kishor Kumar
गुज़ारिश
गुज़ारिश
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शहर में आग लगी है
शहर में आग लगी है
VINOD CHAUHAN
बिन बोले सब बयान हो जाता है
बिन बोले सब बयान हो जाता है
रुचि शर्मा
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
डॉक्टर रागिनी
बेटियां
बेटियां
Surinder blackpen
प्यार के मायने
प्यार के मायने
SHAMA PARVEEN
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
शरीर मोच खाती है कभी आपकी सोच नहीं यदि सोच भी मोच खा गई तो आ
Rj Anand Prajapati
क्या मेरा
क्या मेरा
Dr fauzia Naseem shad
विचार और रस [ एक ]
विचार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
पुरानी खंडहरों के वो नए लिबास अब रात भर जगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
દુશ્મનો
દુશ્મનો
Otteri Selvakumar
राष्ट्रीय गणित दिवस
राष्ट्रीय गणित दिवस
Tushar Jagawat
हम शिक्षक
हम शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
लिखने के आयाम बहुत हैं
लिखने के आयाम बहुत हैं
Shweta Soni
3233.*पूर्णिका*
3233.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
*कहाँ साँस लेने की फुर्सत, दिनभर दौड़ लगाती माँ 【 गीत 】*
Ravi Prakash
किसी की भी
किसी की भी
*प्रणय*
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
सुकून
सुकून
Harminder Kaur
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
सैनिक
सैनिक
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
अस्त हुआ रवि वीत राग का /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कोलकाता की मौमीता का बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या....ये तत्
कोलकाता की मौमीता का बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या....ये तत्
ruby kumari
"सम्मान व संस्कार व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी अस्तित्व में र
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
” आलोचनाओं से बचने का मंत्र “
” आलोचनाओं से बचने का मंत्र “
DrLakshman Jha Parimal
Loading...