मुसलसल ईमान रख
याद रख तू तेरे दस्तूर से पहचाना जाएगा!
खाली हाथ आया है, खाली हाथ जाएगा!!
बेशक कर ले तू सौ जतन,नुमाया होने के,
कमाया नही मुहब्बत-खुलूस,क्या ले जाएगा?
बाद जाने के लोग उसको ही याद करते है,
मिलेगा लोगो से प्यार, वो ही साथ जाएगा!!
मत खरीद नफरत के बाजार से यह दुश्मनी,
मुसलसल ईमान रख तभी मुसलमा कहलाएगा!!
बोधिसत्व कस्तूरीया एडवोकेट कवि पत्रकार सिकंदरा आगरा उत्तर प्रदेश -282007 मो;9412443093