Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Nov 2024 · 1 min read

मुश्किल है जीवन का सफर

मुश्किल है जीवन का सफर
छोटी सी हस्ती है मगर
डर मत, अटल बन
हिम्मत ना छोड़, आगे बढ़

आयेंगी कठिनाइयां
सताएंगी दुश्वारियां
छूट जायेंगे साथी पर
बन आत्मनिर्भर, आगे बढ़

परिवर्तन हर लम्हा होगा
आज मिलन है, कल वियोग होगा
विश्वास है, धोखा भी होगा
हर हाल में दिखा जीकर, आगे बढ़

चित्रा बिष्ट

Language: Hindi
2 Likes · 11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
कुछ करो तो बुरा,कुछ ना करो तो बुरा
Ranjeet kumar patre
मैं  ज़्यादा  बोलती  हूँ  तुम भड़क जाते हो !
मैं ज़्यादा बोलती हूँ तुम भड़क जाते हो !
Neelofar Khan
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಒಂದೇ ಆಸೆ....
ಗೀಚಕಿ
"मेरी आवाज सुनो"
Dr. Kishan tandon kranti
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
Manju sagar
इतिहास गवाह है ईस बात का
इतिहास गवाह है ईस बात का
Pramila sultan
मां
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
एक दीप दिवाली पर शहीदों के नाम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Black board is fine.
Black board is fine.
Neeraj Agarwal
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
शेखर सिंह
Only attraction
Only attraction
Bidyadhar Mantry
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
परीक्षा है सर पर..!
परीक्षा है सर पर..!
भवेश
इस सोच को हर सोच से ऊपर रखना,
इस सोच को हर सोच से ऊपर रखना,
Dr fauzia Naseem shad
"वक्त" भी बड़े ही कमाल
नेताम आर सी
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
Phool gufran
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
*कुंडी पहले थी सदा, दरवाजों के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
छंद -रामभद्र छंद
छंद -रामभद्र छंद
Sushila joshi
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
प्रिय आँसू तुम्हारे बिना ये आँखें, जैसे सूखी धरती की प्यास,त
Rituraj shivem verma
आजाद हिंदुस्तान में
आजाद हिंदुस्तान में
gurudeenverma198
शाम
शाम
Kanchan Khanna
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
हारा हूं,पर मातम नहीं मनाऊंगा
हारा हूं,पर मातम नहीं मनाऊंगा
Keshav kishor Kumar
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU SHARMA
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
Atul "Krishn"
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
या सरकारी बन्दूक की गोलियाँ
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
रमेशराज की एक हज़ल
रमेशराज की एक हज़ल
कवि रमेशराज
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
Loading...