मुश्किलों में
~मुश्किलों में ~
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छोड़ना मत कर्म करना मुश्किलों में।
राह मिल जाती स्वयं ही पर्वतों में।
बढ़ रहे हैं पाँव अविरल सत्य पथ पर,
दम नहीं है आज मिथ्या अड़चनों में।
है यही हमको महाभारत सिखाता,
हो अमिट विश्वास निज दृढ़ निश्चयों में।
छोड़ देना फल सदा प्रभु के भरोसे,
कर चलो बस कर्म अपना हर क्षणों में।
है नहीं कोई यहाँ अपना पराया।
मत सहो अन्याय पड़कर बंधनों में।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य