“मुश्किलों के प्रभाव में जी रहे हैं ll
“मुश्किलों के प्रभाव में जी रहे हैं ll
खुशियों के अभाव में जी रहे हैं ll
बेटा शहर में पैसों के लिए मर रहा,
मां-बाप सुकून से गांव में जी रहे हैं ll
जिनके लिए पैसा ही सबकुछ है,
गुरूर उनके स्वभाव में ही रहे हैं ll
नोकरीपैशा कमा खा तो रहे हैं,
मगर, बेइंतहा दबाव में जी रहे हैं ll
या बहुत क्रोधित हैं, या बहुत शोषित हैं,
हम ताव में जी रहे हैं, तनाव में जी रहे हैं ll”