मुश्किलों के दौर में – गजल /गीतिका
मुश्किलों के दौर में हिम्मत ना जिसने हारी।
जुंझता रहा ढूंढता रहा मंजिलें जिन्हें प्यारी।
पा ही ली है एक दिन उसने उसे यारों ,
थे संघर्ष उसके अनवरत ही जारी।।
सफलता के होते यही राज है।
मिलता उसे ही ताज है।
लक्ष्य ही जिसका अंतिम तैयारी।।
हे मानव हम दौर कई आते हैं।
कभी हंसाते तो कभी रुलाते हैं।
हर दौर में खुश रहने की जिम्मेदारी हमारी।।
राजेश व्यास अनुनय