मुश्किलें
जीवन में चाहें कितनी भी मुश्किलें आएं
कठिन से कठिन मुश्किलें ही क्यों न आएं
हर मुश्किल को सरलता से पार लगाना है,
मुश्किलों से न डरना है न घबराना है
खुद को न कभी गंदे विचारों से गंदा करना है
गंदे विचारों को खुद पर हावी होने ही नहीं देना है
अपनें हाथों को कभी गंदा नहीं करना है
भावनाओं को समझना है उनका गुलाम नहीं होना है
विपदा की घड़ी में हर हाल में शांत ही रहना है
ठंडे दिमाग से विचार कर सही निर्णय करना है
चुनौतियों से कभी नहीं डरना है
चुनौतियों से कभी नहीं घबराना है
पहाड़ों का सीना चीरकर दिखाना है
हर मुश्किल से पार निकल जाना है
जीवन जीना है हर हाल में जीना है
मुश्किलों से नहीं डरना है, आगे ही आगे बढ़ना है
मौत हो सामने मौका नहीं देना है
पीछे मुड़कर कभी नहीं देखना है
मौत से लड़कर ये जीवन फिर से जीना है
रात हुई है जीवन में तो विश्राम करना है
सबेरा होने का इंतजार करना है
जीवन है जब तक सुख और दुःख हैं तब तक
जीवन में कष्ट तो होंगे ही, कष्ट बिना जीवन कैसा
हमेशा बहादुर बनें रहो तानकर सीना,
तुम तभी तक कमज़ोर रहोगे जब तक मानते रहोगे
हिम्मत करो चुनौतियों को स्वीकार करो
जीवन तो आज़ भी बर्बाद ही है न
इसीलिए आज़ बना लो न अपना आनें वाला जीवन
आज़ रच लो न अपना जीवन
_सोनम पुनीत दुबे