Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2019 · 1 min read

मुशायरे में’शे’र अर्ज करो

एक लौ अगर बूझ रहीं हैं तो जलानी क्यो है
उजाला है चारों और तो लौ दिखानी क्यो है

शौक से लटकाते है निंबू मिर्च बाजारों में जिस भूमि के
वहां महल अच्छा लगेगा उजाड़ दो फसल बचानी क्यो है

हाथों में लेकर घूमता हूं अब उन पोधों को कहीं जमीं मिले
सिर्फ़ और सिर्फ़ कटे मिले ये जमीं निशानी क्यों है

सब ढोंग है सबको अपनी फिक्र है मानते है
जता ना अब की फ़िक्र है आख़िर ये मेहरबानी क्यों है

पागल ‌कहता कहता मर गया बंजर भूमि नहीं इंसान हैं
मौत पर उसकी जंगल रोया था ये बात समझानी क्यो हैं

पेड़ ने खुदखुशी‌ कर ली‌ पेड़ ‌पर लटक कर
मेरी‌ साँसे लेकर‌ मुझे ही‌ काटते ऐसी कुर्बानी क्यो हैं

‘राव’ सबको‌ पता है ये बाते बतानी‌ क्यो है
मुशायरे में ‘शे’र अर्ज करो व्यर्थ कहानी क्यो है।

3 Likes · 2 Comments · 378 Views

You may also like these posts

- अपने जब पानी में बैठ जाए -
- अपने जब पानी में बैठ जाए -
bharat gehlot
"with eyes filled with dreams"
राकेश चौरसिया
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
Umender kumar
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
उन्हें इल्म हो भी तो कैसे इश्क का,
श्याम सांवरा
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
ख्वाहिशों की ज़िंदगी है।
Taj Mohammad
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
gurudeenverma198
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
4234.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तलाश
तलाश
Dileep Shrivastava
मैं निकल पड़ी हूँ
मैं निकल पड़ी हूँ
Vaishaligoel
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
पूजा का भक्त–गणित / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कलम और तलवार
कलम और तलवार
Kanchan verma
मनमानी करते नेता
मनमानी करते नेता
Chitra Bisht
सच्चे प्रेम का कोई विकल्प नहीं होता.
सच्चे प्रेम का कोई विकल्प नहीं होता.
शेखर सिंह
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
कवि रमेशराज
रुबाइयाँ
रुबाइयाँ
आर.एस. 'प्रीतम'
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
goutam shaw
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
पटाक्षेप
पटाक्षेप
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दोहात्रयी. . .
दोहात्रयी. . .
sushil sarna
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
*पीते-खाते शौक से, सभी समोसा-चाय (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रूठी किस्मत टूटी मोहब्बत
रूठी किस्मत टूटी मोहब्बत
Dr. Man Mohan Krishna
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
टूट जाता कमजोर, लड़ता है हिम्मतवाला
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
You do good....they criticise you...you do bad....they criti
You do good....they criticise you...you do bad....they criti
पूर्वार्थ
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
*** अरमान....!!! ***
*** अरमान....!!! ***
VEDANTA PATEL
" दरअसल "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...