Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2019 · 1 min read

मुलाकात

तारों भरी रात थी
रात हसीं खास थी
प्रेमिका से ख्वाब में
हो रही मुलाकात थी

घनी नींद में लीन था
वक्त बहुत हसीन था
आगमन के चाव में
सर ना पर जमीन था

होश न ही हवाश थी
उन्हीं की तलाश थी
दुधिया सी चाँदनी में
खड़ी वो मेरे पास थी

मंद -मंद सर्द हवा थी
आखों में खूब हया थी
कांपते सुर्ख ओष्ठों से
आ रही शर्म हया थी

कहना वो चाह रही थी
कह न कुछ पा रही थी
स्पर्श के आभास से ही
संभल न वो पा रही थी

स्थिति बड़ी अजीब थी
तनिक भी न उम्मीद थी
बढती हुई धडकनें की
रूकने के न उम्मीद थी

बेहतरीन पल थम गए
पैर वहीं पर थे जम गए
प्रेम-भाव तेज बहाव में
वहीं पर हम थे रम गए

तभी कुछ यूँ घट गया
मेरा बिस्तर पट दिया
शवाब के ख्वाब से ही
हकीकत में पटक दिया

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
2 Likes · 459 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"कैसे कह दें"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
MEENU SHARMA
इश्क
इश्क
Jyoti Roshni
........?
........?
शेखर सिंह
I read a book that said:
I read a book that said:
पूर्वार्थ
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
माँ को अर्पित कुछ दोहे. . . .
sushil sarna
🙅सूत्रों के अनुसार🙅
🙅सूत्रों के अनुसार🙅
*प्रणय*
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
दास्ताने-कुर्ता पैजामा [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
उड़ चल पंछी
उड़ चल पंछी
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
उड़ जा,उड़ जा पतंग,तू ऐसे रे
gurudeenverma198
खर्राटा
खर्राटा
Santosh kumar Miri
धूप
धूप
Dr Archana Gupta
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अहसास तेरे होने का
अहसास तेरे होने का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कि लड़का अब मैं वो नहीं
कि लड़का अब मैं वो नहीं
The_dk_poetry
गुमनाम ईश्क।
गुमनाम ईश्क।
Sonit Parjapati
अच्छा नही लगता
अच्छा नही लगता
Juhi Grover
जलहरण घनाक्षरी
जलहरण घनाक्षरी
Rambali Mishra
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
इशरत हिदायत ख़ान
एक ही आसरौ मां
एक ही आसरौ मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ये तो मुहब्बत में
ये तो मुहब्बत में
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
ईश्वरीय समन्वय का अलौकिक नमूना है जीव शरीर, जो क्षिति, जल, प
Sanjay ' शून्य'
जनता मारेगी कोड़ा
जनता मारेगी कोड़ा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
Sunil Maheshwari
यहां  ला  के हम भी , मिलाए गए हैं ,
यहां ला के हम भी , मिलाए गए हैं ,
Neelofar Khan
आजादी...
आजादी...
Harminder Kaur
सोच के दायरे
सोच के दायरे
Dr fauzia Naseem shad
भावना के कद्र नइखे
भावना के कद्र नइखे
आकाश महेशपुरी
*किस्मत में यार नहीं होता*
*किस्मत में यार नहीं होता*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...