“पहली बरसात”
जब तुमसे पहली मुलाकात हुई थी,
तब धीमी धीमी बरसात हुई थी
उस दिन ट्रेन ज़रा लेट हुई थी,
जब धीमी धीमी बरसात हुई थी
तुम्हारा एक टक मुझे यू देखना,
हाँ उस दिन मैं थोडी शरमाई हुई थी
तुम्हारे हाथों से मेरे बालो को सुखाना,
इस हरकत पर तुम्हारी मै घबराई हुई भी थी
तुम्हारा मुझसे अगली बार मिलने का वादा करना,
तुम्हारे इस वादे पर मै इतराई हुई भी थी
तुमसे मुलाकात का इंतजार करना,
मैं बादलो से थोड़ा सताई हुई भी थी
जब तुमसे पहली मुलाकात हुई थी,
तब धीमी धीमी बरसात हुई थी!
– सुरभी