मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
बहारों की चाहत में खिजां को भुलाए रखते हैं।
खेम किरण सैनी
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
बहारों की चाहत में खिजां को भुलाए रखते हैं।
खेम किरण सैनी