Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2020 · 2 min read

मुमताज़

संस्मरण
उस शाम वह अपने पति के साथ फिर मुझे दिखाने आई वही उदास सा चेहरा अधेड़ उम्र और तमाम लक्षणहीन तकलीफ़े बताने लगी – यहां दर्द वहां दर्द अजीब सी सनसनाहट , झनझनाहट , जिस्म में आग सी ,बदन दर्द सर दर्द इससे पहले भी कई बार वह मुझे इन्हीं तकलीफों के लिए दिखा चुकी थी लेकिन मैं समझता था कि उसकी परेशानियां कहीं और हैं । इस बार भी मैंने उसे समझा-बुझाकर तसल्ली देते हुए कुछ दवाइयां लिख दीं और चलते समय उससे पूछा
‘ तुम किसी बात से परेशान तो नहीं रहती ? ‘
वह बोली
नहीं मुझे कोई परेशानी नहीं है मैंने फिर उसके शौहर की तरफ देखते हुए पूंछा कि तुम्हें इनसे तो कोई परेशानी कोई तकलीफ नहीं रहती ।
वह मुस्कुराई और बोली
‘ नहीं यह तो मुझे बहुत चाहते हैं बहुत प्यार करते हैं मुझे खिलाते हैं पिलाते हैं घुमाते फिराते हैं पिक्चर दिखाते हैं । मूझे डॉक्टर को दिखाने की फीस देते हैं मेरे लिए दवा खरीदते हैं । यह देखो यह नया सलवार सूट अभी खरीद के दिया है जो मैं पहन कर आई हूं । फिर कुछ देर बाद संकोच कर के बोली
‘ हां कभी – कभी मुझे जुतिया देते हैं , जैसे कि कल शाम को ‘
जिस प्रकार लठ से लठियांना , थप्पड़ से थपड़ियाना उसी तर्ज पर जूते से जुतियाये जाने का भेद समझ कर मैंने साथ आये पति पर विवेचनात्मक दृष्टि डाली वह बेशर्मी से तटस्थभाव लिए खड़ा था । उस नारी के विषाल निश्छल मन प्रांगण में चरता उसका पति हिंसक पशु स्वरूप मेरे सामने खड़ा था ।घरेलू हिंसा का ये कोई नया मामला मेरे सामने नहीं था ।
मैंने सोचा इसकी कहानी भी कुछ कुछ शाहजहां की मुमताज के जैसी ही है । यह भी सुना था कि हर दिल में एक मुमताज रहती है पर क्या सदियों से वो ऐसे ही प्रताड़ना भोगती हुई रहती चली आ रही है । सुना है शाहजहाँ ने भी उसके चौदहवें बच्चे को जन्म देते समय मुमताज़ की मृत्यु होने जाने के कुछ दिनों के बाद उसकी छोटी बहन के पति को मरवा कर उससे शादी कर ली । इसके बाद भले ही तुम उसकी याद में प्यार के नाम का ताजमहल खड़ा करो और अपने तत्कालीन दरबारी इतिहास कारों से अपनी प्रशंसा करवाओ या वर्तमान में सलवार सूट ला कर दो हर काल में तुम्हारा ये पशुवत व्योहार निंदनीय एवम दण्डनीय रहे गा ।

Language: Hindi
Tag: लेख
4 Likes · 2 Comments · 325 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आपका बुरा वक्त
आपका बुरा वक्त
Paras Nath Jha
सोई गहरी नींदों में
सोई गहरी नींदों में
Anju ( Ojhal )
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
और क्या ज़िंदगी का हासिल है
Shweta Soni
17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
Ajay Kumar Vimal
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
बिखरे ख़्वाबों को समेटने का हुनर रखते है,
डी. के. निवातिया
केशों से मुक्ता गिरे,
केशों से मुक्ता गिरे,
sushil sarna
है मुश्किल दौर सूखी,
है मुश्किल दौर सूखी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल
Pratibha Pandey
जीवन का मकसद क्या है?
जीवन का मकसद क्या है?
Buddha Prakash
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
रेखा कापसे
एक ज़माना था .....
एक ज़माना था .....
Nitesh Shah
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
शब्द✍️ नहीं हैं अनकहे😷
डॉ० रोहित कौशिक
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
मुस्कुराती आंखों ने उदासी ओढ़ ली है
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
सच्चाई ~
सच्चाई ~
दिनेश एल० "जैहिंद"
नेता पलटू राम
नेता पलटू राम
Jatashankar Prajapati
अधिकांश होते हैं गुमराह
अधिकांश होते हैं गुमराह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
*आओ ढूॅंढें अपने नायक, अपने अमर शहीदों को (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
अब उतरते ही नही आँखों में हसींन कुछ ख़्वाब
'अशांत' शेखर
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
* माई गंगा *
* माई गंगा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
👌फिर हुआ साबित👌
👌फिर हुआ साबित👌
*Author प्रणय प्रभात*
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
फुर्सत से आईने में जब तेरा दीदार किया।
Phool gufran
2561.पूर्णिका
2561.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"इबारत"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में रह जाते हैं
दिल में रह जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
#मैथिली_हाइकु
#मैथिली_हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...