मुमकिन नहीं…..
1मुमकिन नहीं…
हर ख्वाब की ताबीर मुमकिन नहीं इस जहां में…
वो पलते सिर्फ मन के किसी कोने में.. जद्दोजहद,जबरदस्ती ज़िद,जिक्र ना कर ऐ जिगर… जो तोड़ा आज तो कल फिर दोहराएगा……दे के अपनी सफाई ….बहलाएगा
दोबारा जुड़ के टूटना मुमकिन न होगा….
काफ़िर क्या जीते जीते दोखज़ दिखलाएगा।
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अंजू पांडेय” अश्रु”रायपुर छत्तीसगढ़