मुफ्त की खुशियां
कभी कभी लगता है
ज़िन्दगी के महासागर में
गहरी से भी गहरी
यात्राओं के बाद
भारी कीमत चुका कर
हासिल किये हुए
समझ के कीमती ख़ज़ाने भी
कभी वो ख़ुशी नहीं दे सकते ,,,,,
‘जो जीवन की सतही लहरों पर
हर जोखिम से अनजान
एक टूटी सी कश्ती में सवार
नासमझी के बेपरवाह झोखे
बिना कोई एहसान जताए
मासूमियत की हथेलियों पर
जो खुशियां
मुफ्त में ही दे जाते हैं ‘ ,,,,
– क्षमा उर्मिला