Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2022 · 1 min read

“मुद्दत”

“मुद्दत”
???

मुद्दत बाद भी सूरत नहीं बदला जा सका देश का !
सरकार भले ही भाजपा की रही हो या कांग्रेस का !
आजादी संग आशाएं जगी थी सबकी देश के प्रति !
पर यदा-कदा ही साबित हो सके हम घोड़ा रेस का!!

स्वरचित एवं मौलिक ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 11 / 02 / 2022.
“””””””””””””””?””””””””””””””
?????????

Language: Hindi
4 Likes · 725 Views

You may also like these posts

श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4782.*पूर्णिका*
4782.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अग्नि !तेरे रूप अनेक
अग्नि !तेरे रूप अनेक
ओनिका सेतिया 'अनु '
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
यकीं तुमने मोहब्बत पर जो दिल से किया होता
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
Life's beautiful moment
Life's beautiful moment
Buddha Prakash
त्रासदी
त्रासदी
लक्ष्मी सिंह
गांव गलियां मुस्कुराएं,
गांव गलियां मुस्कुराएं,
TAMANNA BILASPURI
मित्रता क्या है?
मित्रता क्या है?
Vandna Thakur
मन का समंदर
मन का समंदर
Sûrëkhâ
लिखने का आधार
लिखने का आधार
RAMESH SHARMA
*बहू- बेटी- तलाक*
*बहू- बेटी- तलाक*
Radhakishan R. Mundhra
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
Not a Choice, But a Struggle
Not a Choice, But a Struggle
पूर्वार्थ
हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
Dr. Rajeev Jain
#चालबाज़ी-
#चालबाज़ी-
*प्रणय*
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
राजनीति में फंसा राम
राजनीति में फंसा राम
Dr MusafiR BaithA
दिल है मेरा बिहार में
दिल है मेरा बिहार में
श्रीहर्ष आचार्य
“त्याग वही है, जो कर के भी दिखाया न जाए, यदि हम किसी के लिए
“त्याग वही है, जो कर के भी दिखाया न जाए, यदि हम किसी के लिए
Ranjeet kumar patre
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
तुम्हारे इश्क़ की तड़प जब से लगी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
गुजरते लम्हों से कुछ पल तुम्हारे लिए चुरा लिए हमने,
Hanuman Ramawat
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मनोरमा
मनोरमा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
सवाल करना तो बनता है
सवाल करना तो बनता है
Khajan Singh Nain
नजरिया
नजरिया
Mahender Singh
#जहाज
#जहाज
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
तन पर तन के रंग का,
तन पर तन के रंग का,
sushil sarna
মহাদেবের কবিতা
মহাদেবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
सोचते हो ऐसा क्या तुम भी
सोचते हो ऐसा क्या तुम भी
gurudeenverma198
Loading...