मुद्दतों बाद लब मुस्कुराए है।
दिल की खुशी है,,,
आंखों से बह रही है!!!
मुद्दतों बाद लब मुस्कुराए है,,,
जबसे सुना है तेरी आमद हो रही है!!!
जिंदा रखी थी तेरी मुहब्बत,,,
मैंने अपने दिल में!!!
सजा रखे थे तेरे ही ख्वाब,,,
मैंने अपनी नजरों में!!!
मुझको पता था तेरा ना मिलना,,,
ना थी तेरी कोई बेवफाई!!!
इतना तो यकीं था,,,
तेरी रही होगी कोई मजबूरी!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ