Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2022 · 1 min read

मुट्ठी में आसमान

तुम ज़मीन को बांटने के बाद
आसमान को बांटने चले हो!
दिल के नाज़ुक और मासूम
अरमान को बांटने चले हो!!
दम भर के सुकून के लिए
जहां पनाह लेते थे हम लोग!
दीवाने शायरों के आख़िरी
उस ज़हान को बांटने चले हो!!
#Russia #UK #NoWar #peace
#Buddha #UNO #China #USA

Language: Hindi
125 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
Shweta Soni
*रामनगर के विश्व प्रसिद्ध रिजॉर्ट*
*रामनगर के विश्व प्रसिद्ध रिजॉर्ट*
Ravi Prakash
धधको।
धधको।
पूर्वार्थ
मैं तो आत्मा हूँ
मैं तो आत्मा हूँ
श्रीहर्ष आचार्य
होर्डिंग्स
होर्डिंग्स
अंकित आजाद गुप्ता
मैं पुरुष हूं
मैं पुरुष हूं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
#तुलसी/दोहे
#तुलसी/दोहे
Rajesh Kumar Kaurav
पूछा किसी ने..
पूछा किसी ने..
हिमांशु Kulshrestha
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
सतयुग, द्वापर, त्रेतायुग को-श्रेष्ठ हैं सब बतलाते
Dhirendra Singh
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
कट्टर पंथ वो कोढ़ है जो अपने ही
Sonam Puneet Dubey
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
वो गली का मुहाना,वो नुक्कड़ की दुकान
पं अंजू पांडेय अश्रु
वो ठोकर से गिराना चाहता है
वो ठोकर से गिराना चाहता है
अंसार एटवी
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
खुलकर जी लो जिंदगी एक बार मिली है प्यारे..
खुलकर जी लो जिंदगी एक बार मिली है प्यारे..
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
मैने माथा चूम लिया
मैने माथा चूम लिया
ललकार भारद्वाज
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
VINOD CHAUHAN
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*प्रणय*
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
"गम"
Dr. Kishan tandon kranti
मन का जादू
मन का जादू
Otteri Selvakumar
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
3371⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
48...Ramal musamman saalim ::
48...Ramal musamman saalim ::
sushil yadav
सत्य की पूजा होती है
सत्य की पूजा होती है
Ghanshyam Poddar
* यह टूटती शाखाऐं है *
* यह टूटती शाखाऐं है *
भूरचन्द जयपाल
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
बुरा वक्त
बुरा वक्त
Naseeb Jinagal Koslia नसीब जीनागल कोसलिया
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य -  Fractional Detachment  
Atul "Krishn"
Loading...