Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2020 · 1 min read

मुझे स्वप्न लोक में खोंने दो

मुझे स्वप्नलोक में खोने दो, कुछ और अंधेरा होने दो
जी भर गया दुनियादारी से, झूठी इस आंगनवारी से
तेज चमकती भोरों से, शोर भरी इन शामों से
कुछ पल में अपने सपनों में ले लूं
घनघोर तिमिर छा जाने दो, कुछ और अंधेरा होने दो
मुझे स्वप्नलोक में खोने दो
जहां न किसी का भय होगा, सब दुख दर्दों का छय होगा
ना होंगे ईर्ष्या द्वेष, न छोटा न कोई बड़ा होगा
कुछ पल मैं सपनों में ले लूं, वह नेक निशा छा जाने दो
कुछ और अंधेरा होने दो, मुझे स्वप्नलोक में खोने दो
कुछ और अंधेरा होने दो

Language: Hindi
Tag: गीत
11 Likes · 6 Comments · 477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
गम के दिनों में साथ कोई भी खड़ा न था।
गम के दिनों में साथ कोई भी खड़ा न था।
सत्य कुमार प्रेमी
-अपनो के घाव -
-अपनो के घाव -
bharat gehlot
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
ले चलो तुम हमको भी, सनम अपने साथ में
gurudeenverma198
*धनुष (बाल कविता)*
*धनुष (बाल कविता)*
Ravi Prakash
गुज़रते हैं
गुज़रते हैं
हिमांशु Kulshrestha
रक्षा -बंधन
रक्षा -बंधन
Swami Ganganiya
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
बारिश के लिए
बारिश के लिए
Srishty Bansal
2318.पूर्णिका
2318.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वीर सुरेन्द्र साय
वीर सुरेन्द्र साय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
प्रकृति
प्रकृति
Mangilal 713
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
हालातों से युद्ध हो हुआ।
हालातों से युद्ध हो हुआ।
Kuldeep mishra (KD)
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
बुद्ध सा करुणामयी कोई नहीं है।
Buddha Prakash
ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)
ग़ज़ल (यूँ ज़िन्दगी में आपके आने का शुक्रिया)
डॉक्टर रागिनी
।। गिरकर उठे ।।
।। गिरकर उठे ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"मिट्टी की उल्फत में"
Dr. Kishan tandon kranti
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
कवि का दिल बंजारा है
कवि का दिल बंजारा है
नूरफातिमा खातून नूरी
बचपन मिलता दुबारा🙏
बचपन मिलता दुबारा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं कितना अकेला था....!
मैं कितना अकेला था....!
भवेश
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
आप नहीं तो ज़िंदगी में भी कोई बात नहीं है
Yogini kajol Pathak
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
तिरंगा
तिरंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...