मुझे सिर्फ मैं होना है !
तुम्हें राम होना है ?
रोका किस ने है ?
हो जाओ,
हमें सीता नहीं होना है।
आग में तप कर भी,
जंगल का कोना नहीं होना है ।
दो भगवानों के बीच
अपनी क़िस्मत पे नहीं रोना है
मुझे सिर्फ मैं होना है
कोई और नहीं होना है!
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।।सिद्धार्थ।।