मुझे लब पर सजाओ ना
पढ़ी चरणों में आ तेरे, गले आकर लगाओ ना
करो रहमत तनिक मुझ पर, कदम अपना बढ़ाओ ना
हलक सूखा पिया मोरे ,भला कब तक पुकारूँ मैं
पकड़ लो हाथ मेरा तुम, मुझे अपना बनाओ ना
युगों से हर घड़ी तुमको , सजन हमने पुकारा है
भला नाराज़ क्यूँ हो तुम, ख़ता मेरी बताओ ना
बसे धड़कन के हर स्वर में गज़ब सरगम बजाते हो
बना मुरली उठा हाथों, मुझे लब पर सजाओ ना
गिरी पहलू में आ तेरे, तड़पती बूँद सी माही,
समर्पित हूँ मैं सदियों से पिया दिल में बसाओ ना