मुझे बेपनाह मुहब्बत है
मुझे बेपनाह मुहब्बत है
अपने उस हर एक परिचित से,
जिसके दिल में मेरे लिए
कुछ न कुछ ज़रूर है।
मुहब्बत नहीं तो नफ़रत ही सही।
■प्रणय प्रभात■
मुझे बेपनाह मुहब्बत है
अपने उस हर एक परिचित से,
जिसके दिल में मेरे लिए
कुछ न कुछ ज़रूर है।
मुहब्बत नहीं तो नफ़रत ही सही।
■प्रणय प्रभात■