मुझे ना साहूकार समझ
मुझे ना साहूकार समझ मुझे दिल की बीमारी है,
ला इलाज़ है मेरे दिल का दर्द, नज़रो में तेरी ही खुमारी है,
कैसे जीऊ आँखों में तेरा प्यार लेकर, पर प्यार ही मेरी बेक़रारी है,
मुझे ना साहूकार समझ मुझे दिल की बीमारी है,
तुम रहते हो मेरे सामने जब, दिल कहता है तुम्हे कह दू सब,
कैसे लगा लू तुमको गले से मैं, जब तू करता है हाथ पीछे अब,
मुझे ना साहूकार समझ मुझे दिल की बीमारी है,
दिल करता है मखमली चेहरा चुम लू, तू जो पास आओ हर दर्द भूल लू,
तू कर दे तनहा की तन्हाई को शयमल, फिर हर बात में दिन रात ढूंढ लू,
मुझे ना साहूकार समझ मुझे दिल की बीमारी है,
मैं खरीद नहीं पाउँगा जस्बात तेरे, मैं तनहा बिक जाऊंगा ऐसे हालत मेरे,
तुम रूठा न करो मेरे सनम मुझसे , मैं सोते हुए भी लिख दूंगा खयालात तेरे,
मुझे ना साहूकार समझ मुझे दिल की बीमारी है,