मुझे नज़र आती है
#अकविता-
■ बिटिया में देवी।
【प्रणय प्रभात】
मुझे नज़र आती है
हर बिटिया की सूरत में,
एक देवी की मूरत।
नेह से परिपूर्ण,
वात्सल्य से सराबोर।
जो मांगती है दुआ
और देती है आशीष,
अपने लिए नहीं,
अपनों के लिए।।
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#आत्मकथ्य-
“अकविता” न मेरी विधा है, न पसंद। फिर भी साल में एकाध रचना ऐसी हो ही जाती है। शैली-रहित, शिल्पमुक्त लेकिन भावपूर्ण।
-सम्पादक-
●न्यूज़&व्यूज़●
(मध्य-प्रदेश)