मुझे दोगे तूम मेरा पता
मुझे दोगे तुम मेरा पता
कही खो सी गयी हूं अपने ही आप मे..जिना चाहती हू सारी जिन्दगी एक ही सॉस में..
खुश हू, खुद से मिलने की आस में.. मुझे दोगे तुम मेरा पता….
कुछ पल के लिये तो डर ही गयी, मेरे हाथो पर किसी का हाथ है..
पिछे पलट कर देखा, ये तो मेरी परछाई का साथ है..
अन्धेरे मे देखा रोशनी मे देखा देखा सारे कोनो में…
नही मिली मैै..गुम हो गयी अपने ही आप मे..
मुझे दोगे तुम मेरा पता..
जलाकर मन के दिये खुद से मिलने आयी हूं…
पहचान गयी खुद को तो, साथ ले जाऊगी..
खो गयी खुद मे तो बावरी कहलाउगीं….